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न्यायसूत्रवृत्तिप्रस्थानपरम्परा (न्यायदर्शनम्)

ग्रन्थपरिचय:

न्याय दर्शन के प्रणेता महर्षि गौतम हैं|

इसके रचयिता महर्षि वात्स्यायन हैं|

इसके रचयिता वर्धमानोपाध्याय हैं| इसकी रचना तेरहवीं शताब्दी में हुयी है|

इसके रचयिता अभिनव वाचस्पति मिश्र हैं|

इस ग्रन्थ के रचयिता केशव मिश्र हैं|

इसके रचयिता विश्वनाथ पंचानन भट्टाचार्य हैं|

इसके रचयिता भट्टवागीन्द्र हैं|

इसके रचियता राधामोहन विद्यावाचस्पति हैं|

इसके रचयिता हरिप्रसाद स्वामी हैं|

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